
Diwali 2021 के लिए देश भर में तैयारियां शुरू हो चुकी है. मगर हर साल की तरह, इस साल भी काफ़ी जगहों पर सरकार, कोर्ट और आम लोगों के बीच पटाखों को लेकर तनातनी देखने को मिल रही है. इस बीच, कुछ राज्य सरकारों ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए है, तो कहीं पर न्यायपालिका भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. हालांकि, आम जनता की प्रतिक्रिया ग्रीन पटाखों पर ज्यादा मिल रही है. एक तरफ वो लोग है जो इन पटाखों पर ऐतराज़ जता रहे है, तो दूसरी तरफ वो लोग है जो इनको लेकर असमंजस में है, कि इसकी पहचान क्या है और कैसे यह पर्यायवरण के लिए हितकारक है!
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि सरकार और न्यायपालिका का ग्रीन पटाखों पर ऐसा मानना है, कि इन पटाखों से प्रदूषण की संभावना, आम पटाखों की तुलना में काफ़ी कम होती है. हालांकि, इस मुद्दे पर आम लोगों और सरकार के बीच कहीं भी सहमति बनती नहीं नज़र आ रही है. कुछ लोगों की इस मुद्दे पर काफ़ी सख्त प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, कि पटाखों पर रोक केवल Diwali 2021 के अवसर पर ही क्यों? इन पटाखों पर यह रोक नए वर्ष, शादी विवाह या किसी और समारोह पर क्यों नहीं लगाई जाती!
Diwali 2021 की चर्चा शुरू होते ही, ग्रीन पटाखों को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति देखी जा रही है. जहां कुछ लोग कहते है, कि इन पटाखों में कम मात्रा में प्रदूषक सामग्रियां होती हैं. तो कुछ का कहना है, कि यह सामान्य पटाखों से कम विषैला धुआं छोड़ते हैं. साथ ही, यह पटाखें बाकी पटाखों की तुलना में कम ध्वनि प्रदूषण करते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि सामान्य पटाखों से निकलने वाली आवाज़ की क्षमता 160 डेसीबल तक की होती है. मगर ग्रीन पटाखों में यह आंकड़ा, करीब 120 डेसीबल होता है. इसके अलावा, ग्रीन पटाखें सामान्य पटाखों की तुलना में काफ़ी महंगे भी होते है. हालांकि तुलनात्मक रूप से, यह सामान्य पटाखों से 30% तक कम प्रदूषण करते हैं. आमतौर पर ऐसा देखा गया है, कि ग्रीन पटाखें केवल Diwali या त्योहारों के आस पास ही मांग में होते है और खासकर ये उन शहरों में ज्यादा नज़र आते है, जहां सामान्य पटाखों पर रोक हो. फ़िलहाल बात Diwali 2021 की करें, तो इन पटाखों के नाम का शोर लगभग हर तरफ है.
सामान्य पटाखों पर लगने वाली इस रोक में सबसे पहला नाम, भारत की राजधानी दिल्ली का आता है. इस साल Delhi Pollution Control Board के द्वारा प्रस्तुत की गयी रिपोर्ट में, उन्होंने सभी तरह के पटाखों पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है. साथ ही, यह प्रतिबंध साल भर लागू रहने वाला है. दिल्ली के बाद, Odisha ने भी Diwali 2021 के दौरान राज्य में पटाखों के इस्तेमाल पर, एक महीने के लिए रोक लगा दी है. इसके अलावा, राजस्थान सरकार ने भी पटाखों पर रोक लगाने की घोषणा कर दी है. हालांकि, प्रदेश में ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल पर अब भी छूट दी जा रही है. वहीं पंजाब में सरकार ने विक्रेताओं पर तो कोई रोक नहीं लगायी है, मगर आम लोगों पर इसके इस्तेमाल के लिए कुछ समय सीमा तय की है. इन सब राज्यों के अलावा, पश्चिम बंगाल की सरकार ने भी पटाखों के इस्तेमाल पर नकेल कसने के आदेश जारी किए है. सरकार ने निर्देश जारी करते हुए राज्य में, पटाखों को निश्चित समय सीमा में ही इस्तेमाल करने की बात कही है. वहीं प्रदूषण का पैमाना देते हुए, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ जिलों में भी पटाखों के वितरण और इस्तेमाल पर प्रतिबंध के आदेश जारी हुए है. हालांकि अब देखना ये है, कि पटाखों पर लगा प्रतिबंध और ग्रीन पटाखें Diwali 2021 में असरदार होते है, या सरकार और न्यायपालिका लोगों के विरोध के आगे घुटने टेकती है?