
आंध्र प्रदेश सरकार ने मंगलवार को राज्य के सभी डिग्री कॉलेजों में पढाई को English medium में अनिवार्य रूप से शुरू करने की घोषणा की है. साथ ही यह सूचना भी दी कि शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से तेलुगु को शिक्षा के माध्यम के रूप में हटा दिया गया है. उच्च शिक्षा विभाग ने कहा कि इस निर्णय को मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने हालिया बैठक में लिया है. हालांकि, कॉलेज syllabus में तेलुगु को भाषा पाठ्यक्रम के रूप में जारी रख सकते हैं. सरकार को दृढ़ता से लगता है कि स्नातक स्तर पर शिक्षण के English medium की शुरूआत से स्नातकों के करियर की संभावनाओं में वृद्धि होगी.
आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम में बोर्ड ऑफ स्टडीज के अध्यक्ष प्रोफेसर एस प्रसन्ना श्री ने राज्य सरकार के फैसले पर कहा कि degree level पर English medium को अनिवार्य बनाना एक साहसिक निर्णय है. राज्य भर के डिग्री कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले 2.62 लाख से अधिक छात्रों में से केवल 65,981 छात्रों को 2020-21 के दौरान तेलुगु माध्यम के पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया गया है. इनमें से 24,007 छात्रों ने B.A, 16,925 ने B.com और 24,960 छात्रों ने B.sc कोर्स को चुना है. अपनी पढाई पूरी करके B.sc के ज्यादा छात्र देश के विभिन्न हिस्सों और विदेशों में भी नौकरी के अवसरों की तलाश करेंगे. जबकि BA और B.com के छात्र sales को चुनेंगे. दोनों ही professions में English भाषा का ज्ञान बहुत फायदा देता है. यह छात्रों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाता है. साथ ही, सरकार को छात्रों की मूल भाषा की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए और इसे एक विषय के रूप में बढ़ावा जरूर देना चाहिए।
Andhra Pradesh State Council of Higher Education (APSCHE) द्वारा जारी किए गए एक notification में कहा गया है कि तेलुगु माध्यम के पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाले सभी degree कॉलेज 18 से 28 जून 2021 के बीच सभी तेलुगु-माध्यम के पाठ्यक्रमों को English medium में बदलने के लिए apply कर सकते हैं.