
Defence Research and Development Organisation (DRDO) ने शनिवार को ओडिशा के बालासोर तट पर, Agni Prime Missile का सफल परीक्षण किया है. आपको बता दें, कि यह मिसाइल अग्नि सीरीज़ की मिसाइलों का एक आधुनिक वर्ज़न है. DRDO द्वारा बनाई गई यह Agni Prime Missile, परमाणु हथियारों को आसानी से ले जाने में सक्षम है. सतह से सतह पर मार करने वाली इस आधुनिक मिसाइल की मारक क्षमता, 1000 से 2000 किलोमीटर तक की है.
DRDO के अधिकारियों का कहना है, कि Agni Prime Missile के टेस्ट के दौरान, इसमें कई नए फीचर्स जोड़े गए हैं. यह मिसाइल, उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्यों को पूरा करती है. अल्ट्रा मॉर्डन टेक्निक से लैस इस Agni Prime Missile का वज़न बेहद कम है.
इसी हफ्ते भारत ने ओडिशा तट से दूर अब्दुल कलाम द्वीप से Supersonic Missile-Assisted Torpedo System (SMAT) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. DRDO ने बताया, कि "इस प्रणाली को पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है, जो पारंपरिक टॉरपीडो की रेंज से कहीं अधिक है."
DRDO की Agni Prime Missile, अग्नि सीरीज़ की छठी मिसाइल है. अग्नि-1 में SLV-3 बूस्टर का प्रयोग किया गया है, जिसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर है. अग्नि-2 की मारक क्षमता, 3000 किलोमीटर है, जो अपने साथ 1000 किलोमीटर सामग्री तक ले जाने में सक्षम है. अग्नि सीरीज़ की तीसरी मिसाइल की मारक क्षमता 3000 किलोमीटर है, लेकिन इसे 4000 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है. वहीं अग्नि-4, 4000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता रखती है. अग्नि-5 का पहला सफल प्रशिक्षण अप्रैल 2012 में किया गया था, जिसकी मारक क्षमता 5500 किलोमीटर है, जिसे 7000 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है.
गौरतलब है, कि भारत ने पहली बार सन् 1989 में अग्नि मिसाइल का परीक्षण किया था. उस समय अग्नि मिसाइल की मारक क्षमता, करीब 700 से 900 किलोमीटर के बीच थी.