
Indian Army का चीता हेलीकॉप्टर आज उत्तरी जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर के बरौम इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. अधिकारियों ने दो पायलटों सहित उस पर सवार लोगों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया था. अभियान में अच्छी खबर यह आई है कि हादसे से पहले पायलट और को-पायलट हेलीकॉप्टर से बाहर निकल गए, ताकि वे सुरक्षित रहें. सुरक्षाबलों का तलाशी दल अन्य अहम जानकारी जुटाने के लिए बर्फीले इलाके में पहुंच रहा है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि गुरेज सेक्टर वही इलाका है जो पाकिस्तान की सीमा के साथ लगता है. उस इलाके में चीता हेलीकॉप्टर गश्त कर रहा था. इस दुर्घटना के बाद उस इलाके में हड़कंप सा मच गया है. जम्मू कश्मीर का प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच सभी जरूरी कार्यवाही कर रहा है.
अगर बात करें India Army में मौजूद चीता हेलीकॉप्टर की, तो यह ‘चीता’ एक इंजन वाला हेलीकॉप्टर है जिसमें मूविंग मैप डिस्प्ले, ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम और वेदर रडार जैसी प्रमुख विशेषताएं नहीं हैं. इसमें ऑटोपायलट सिस्टम का भी अभाव है, जो खराब मौसम में पायलट के विचलित होने की स्थिति में विनाशकारी हो सकता है. अभी भी Indian Army के पास कुल 200 चीता हेलीकॉप्टर का बेड़ा मौजूद है. पिछले कुछ सालों की समय अवधि में 30 से भी ज्यादा बार ये हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं. वर्ष 2021 में General Bipin Rawat की मृत्यु भी भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर खराब होने की वजह से ही हुई थी.
रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, परिचालन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों सहित रक्षा बलों के विमान बेड़े के प्रतिस्थापन की समीक्षा की जाती है. सरकार ने इन हेलीकॉप्टरों को नेवल यूटिलिटी हेलीकॉप्टर, स्वदेशी लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (LUH) के साथ बदलने की योजना बनाई है, जिसका निर्माण HAL द्वारा "बाय (इंडियन-आईडीडीएम)" प्रोजेक्ट के तहत किया गया है और रूसी निर्मित Ka-226T को "बाय एंड मेक (इंडियन)" के रूप में बनाया गया है.