
सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) ने मंगलवार 29 नवंबर 2022 को मार्च 2024 तक विस्तारा (Vistara) और एयर इंडिया (Air India) के विलय की घोषणा की है. आपको बता दें, कि विस्तारा में टाटा समूह (Tata Group) की 51% हिस्सेदारी है और बाकी 49% हिस्सेदारी सिंगापुर एयरलाइंस के पास है. वहीं, लेनदेन के हिस्से के रूप में सिंगापुर एयर इंडिया में 2,058.5 करोड़ रुपये का निवेश भी करेगी.
सिंगापुर एयरलाइन्स ने कहा है, कि “यह एसआईए को सभी प्रमुख बाजार क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपस्थिति के साथ बढ़े हुए एयर इंडिया समूह में 25.1% हिस्सेदारी देगा. वहीं, एसआईए और टाटा ग्रुप का लक्ष्य मार्च 2024 तक विलय को पूरा करना है, जो विनियामक अनुमोदन के अधीन है.”
गौरतलब है, कि एयर इंडिया का स्वामित्व टैलेस प्राइवेट लिमिटेड (Talace Private Limited) के पास है, जो टाटा संस की एक स्पेशल-पर्पज व्हीकल है. यह टाटा संस ने 2021 में नीलामी बोली जीतने के बाद भारत सरकार से खरीदी थी. यह एयरलाइंस 102 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों की सेवा करने वाले एयरबस और बोइंग विमानों का बेड़ा संचालित करती है.
देश भर के कई फोकस शहरों के साथ-साथ एयर इंडिया का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नई दिल्ली में हब है. इसके साथ ही, यह 18.6% बाजार हिस्सेदारी के साथ भारत के बाहर सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय वाहक है. आपको बता दें, कि एयर इंडिया कम लागत वाले वाहक एयर इंडिया एक्सप्रेस है, जिसे एक ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी के साथ 18,000 करोड़ रुपये में टाटा संस ने एसपीवी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया था. इसके बाद, एयरलाइन को आधिकारिक तौर पर टाटा समूह को सौंप दिया गया था।
एयर इंडिया एयरलाइन की स्थापना जेआरडी टाटा (JRD Tata) ने साल 1932 में टाटा एयरलाइंस के रूप में की थी. वहीं, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई और इसका नाम बदलकर एयर इंडिया कर दिया गया.
आखिरकार साल 1947 में भारतीय स्वतंत्रता के बाद साल 1948 में भारत सरकार द्वारा 49% एयरलाइन का अधिग्रहण किया गया था. इसके बाद में साल 1953 में, केंद्र ने एयर कॉर्पोरेशन अधिनियम पारित किया और टाटा संस में बहुमत हिस्सेदारी खरीदी थी.
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