
अधिकतर लोगों का यह मानना है, कि बैंक के नोट अगर फट गए हैं, तो उनकी कोई कीमत नहीं होता और उन्हें आगे चलाना बहुत मुश्किल हो जाता है. यह बात कुछ हद तक सही भी है, क्योंकि ऐसे फटे हुई नाट आम लेनदेन में नहीं चलते हैं. मगर अब सवाल यह उठता है, कि अगर किसी के पास ऐसे फटे हुए नोट हैं, तो उनका किया क्या जाए? इसके लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने कुछ निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत लोग ऐसे नोटों की पूरी कीमत आसनी से पा सकते हैं.
आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, अगर आपके पास कटे या फटे हुए नोट हैं, तो आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि आरबीआई आपको इन नोटों की पूरी कीमत देगा. इसके लिए आपको केवल कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को समझना होगा.
1. भारतीय मुद्रा का इतिहास लगभग 2500 साल पुराना है. भारतीय मुद्रा के नोट वास्तव में कागज़ के नहीं बने होते, बल्कि यह कपास, बालसम, विशेष रंग और जिलेटिन अल्कोहल के बने होते हैं. इन सब से नोटों को मज़बूती मिलती है और यह आसानी से नहीं फटते.
2. आपको बता दें, कि भारत के नोटों पर उसकी कीमत को 15 भाषाओं में लिखा जाता है. वहीं 1 रुपये में 100 पैसे होंगे यह बात सन् 1957 में लागू की गई थी.
3. आरबीआई ने जनवरी 1938 में पहली बार 5 रुपये की पेपर करेंसी छापी थी, जिस पर किंग जॉर्ज VI का चित्र बना हुआ था.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि आपके फटे हुए नोट बदले जा सकते हैं. वहीं अगर नोट पूरी तरह से फट गया हो या दूसरे हिस्से से अलग हो गया हो, तो भी उन्हें बदलना आसन है. भारतीय रिज़र्व बैंक संशोधन नियम 2018 के अनुसार, 2,000 रुपये के फटे हुए नोट बदलने के लिए "नोट के सबसे बड़े टुकड़े का अविभाजित क्षेत्र", वापसी के लिए 88 वर्ग सेंटीमीटर और 44 वर्ग सेंटीमीटर होना चाहिए. वहीं फटे हुए नोट की आधी कीमत प्राप्त करने के लिए, 2000 रुपये के नोट की लंबाई और चौड़ाई 109.56 वर्ग होनी चाहिए. वहीं दूसरी ओर, 200 रुपये के एक क्षतिग्रस्त नोट की पूरी कीमत पाने के लिए, नोट की लंबाई और चौड़ाई 78 वर्ग सेंटीमीटर और आधी कीमत पाने के लिए 39 वर्ग सेंटीमीटर होनी चाहिए.
फटे हुए नोटों को बदलने के लिए RBI की तरफ से कई नए निर्देश जारी किये जाते हैं. आरबीआई नोट रिफंड नियम 2009 के तहत फटे और कटे नोटों को 2 भागों में बाँटा गया है, सॉइल्ड और म्यूटलेटिड. अगर आपका नोट गंदा हो गया है, या 2 टुकड़ों में फट गया है और आपने उसे टेप से चिपका दिया है, तो इस तरह के नोट को सॉइल्ड नोट कहा जाता है. इस तरह के नोट को आप किसी भी बैंक में जाकर बदल सकते हैं.
दूसरी ओर, जिस नोट के 3 से ज़्यादा टुकड़े हो गए हों, या नोट का कोई एक भाग न हो या नोट का कुछ हिस्सा मिट गया हो, उसे म्यूटलैटिड नोट कहा जाता है. आपको बता दें, कि कटे-फटे या सामान्य इस्तेमाल के लिए खराब हो चुके इन नोटों के बदलने पर मिलने वाली कीमत, उसकी हालत पर निर्भर करती है, यानी यह इस बात पर निर्भर करता है, कि वह नोट कितना कटा या फटा है.
1. अगर 50 रुपये से कम कीमत वाले नोट का सबसे बड़ा टुकड़ा सामान्य नोट के 50 फीसदी से ज़्यादा बड़ा है, तो इस नोट के बदलने पर उसकी पूरी कीमत मिलेगी.
2. अगर 50 रुपये से अधिक कीमत वाले नोट का सबसे बड़ा टुकड़ा सामान्य नोट की तुलना में 80 फीसदी या उससे ज़्यादा है, तो इस नोट के बदलने पर आपको पूरी कीमत मिलेगी.
3. अगर 50 रुपये से अधिक कीमत वाले नोट का सबसे बड़ा टुकड़ा सामान्य नोट के 40 से 80 फीसदी के बीच होता है, तो आपको उस नोट की कीमत नहीं मिलेगी.
4. अगर 50 रुयपे से अधिक वैल्यू वाले एक ही नोट के दो टुकड़े हैं और यह दोनों टुकड़े सामान्य नोट के 40 फीसदी तक हैं, तो आपको नोट की पूरी कीमत मिलेगी.
5. अगर 50 रुपये से कम कीमत वाले नोट का सबसे बड़ा टुकड़ा सामान्य नोट के 50 फीसदी से भी कम है, तो इस नोट के बदलने पर कोई कीमत नहीं मिलेगी.
6. अगर 50 रुपये से अधिक कीमत वाले नोट का सबसे बड़ा टुकड़ा सामान्य नोट के 40 फीसदी से भी कम है, तो इस नोट के बदलने पर भी कोई कीमत नहीं मिलेगी.
7. अगर आपके पास मौजूद 5, 10, 20 और 50 के नोटों के 2 से ज्यादा टुकड़े हैं, तो आपके पास कम से कम नोट का 50 फीसदी हिस्सा मौजूद होना चाहिए. उसी आधार पर आपको नोट की पूरी कीमत दी जाएगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, जब भी कोई व्यक्ति अपने कटे या फटे नोटों को बैंकों में जमा कर देता है, तो उसके बाद आरबीआई उन नोटों को प्रचलन से हटा देता है. आरबीआई द्वारी इन नोटों की जगह पर नए नोटों की छपाई की जाती है. वहीं पहले के समय में ऐसे कटे-फटे नोटों को जला दिया जाता था, लेकिन आज के समय में इनके छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए जाते हैं. इसके बाद, इन नोटों से कागज़ी चीजे़ं बनाई जाती हैं, जिनको बाज़ार में बेचा जाता है.