
पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल (Petrol) और डीज़ल (Diesel) के दाम लगातार दूसरे दिन भी बढ़ा दिए हैं. अगर बात करें इनकी कीमतों की, तो इन दोनों की कीमतों में 80 पैसे की वृद्धि दर्ज की गई है. इसी के साथ, देश की राजधानी दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत लगभग 97 रुपए हो चुकी है, जबकि डीज़ल की कीमत 88.27 रुपए हो गयी है. कुछ दिन पहले यह खबर भी आई थी, कि डीज़ल को थोक में खरीदने वालों को इसकी कीमत 25 रुपये ज्यादा देनी होगी.
डीज़ल के थोक खरीदारों में मुख्य रूप से वह ग्राहक आते हैं, जो डीज़ल को बड़ी मात्रा में इस्तेमाल करते हैं. इसमें डिफेंस के साथ रेलवे और ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन भी शामिल हैं. इस वजह से नायरा एनर्जी जीओवीटी और सेल जैसी प्राइवेट कंपनियों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है.
ऐसी खबर भी आ रही है, कि इन कंपनियों का मानना है कि इतने महंगे दाम पर पेट्रोल और डीज़ल बेचने से बेहतर है कि कंपनियां पेट्रोल पंप ही बंद कर दें.
पहले भी ऐसी वृद्धि दर्ज की गई थी, तब केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में एक्साइज ड्यूटी की कटौती की थी. पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी की कटौती लगभग 5 रुपए प्रति लीटर की गई थी. जबकि डीज़ल पर यह कटौती 10 रुपए प्रति लीटर दर्ज की गई थी. सूत्रों के हवाले से यह खबर भी आ रही है, कि सरकार फिर से एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर सकती है. अगर मौजूदा एक्साइज ड्यूटी की बात करें, तो इस समय पेट्रोल पर 27.90 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी है, जबकि डीज़ल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी की कीमत 21.80 प्रति लीटर है.
CRISIL की रिसर्च के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में वृद्धि के साथ तालमेल बिठाने के लिए देश में 15 से 20 रुपए प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की जरूरत पड़ सकती है. क्योंकि भारत अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए 85% आयात पर ही निर्भर है.