
ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेज़ॅन (Amazon) ने गुरुवार को, कहा कि इसकी पूर्व घोषित वैश्विक छंटनी "अनिश्चित अर्थव्यवस्था" (Amazon Layoff) के कारण 18,000 से अधिक कर्मचारियों तक बढ़ा दी जाएगी. ई-कॉमर्स कंपनी, जो भारत में लगभग 10,000 लोगों को रोज़गार देती है, 18 जनवरी से प्रभावित लोगों को इसकी जानकारी देनी शुरू कर देगी.
नौकरी में कटौती पहले के अनुमान से लगभग 80% अधिक होगी, जो अमेज़ॅन की वार्षिक परिचालन योजना समीक्षा प्रक्रिया का एक हिस्सा है. कर्मचारियों के लिए शेयर की गई जानकारी में कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एंडी जेसी (Andy Jassy) ने कहा, कि “छंटनी कई टीमों को प्रभावित करेगी, लेकिन अधिकांश भूमिकाएं अमेज़ॅन स्टोर्स (Amazon Stores) और पीएक्सटी संगठनों पर होंगी.
जेसी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, कि “इस साल की समीक्षा अनिश्चित अर्थव्यवस्था को देखते हुए अधिक कठिन रही है और हमने, पिछले कई वर्षों में लोगों को तेज़ी से नौकरियों पर रखा है. नवंबर में हमने अपने डिवाइसिस और किताबों के बिज़नेस में कई पदों को समाप्त करने का कठोर निर्णय लिया और हमारे लोगों, अनुभव और टेक्नोलॉजी संगठन में कुछ कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक कटौती की पेशकश की भी घोषणा की."
ग़ौरतलब है, कि अमेज़ॅन की यह घोषणा वैश्विक टेक कंपनियों द्वारा दी जाने वाली नौकरियों में मंदी की निरंतरता को आगे बढ़ाती है. फेसबुक (Facebook) की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta), गूगल (Google), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), सेल्सफोर्स (Salesforce), स्ट्राइप (Stripe) और ट्विटर (Twitter) ने पिछले साल अपने हेडकाउंट्स में बड़ी कमी की घोषणा की. इसी बीच अमेज़ॅन इंडिया ने कहा, कि पिछले साल की समीक्षा प्रक्रिया को देखते हुए साल 2023 के अंत तक अपने डिस्ट्रीब्यूशन, फूड डिलीवरी और एडटेक डिविज़नों को बंद कर देगा.
जब पहली बार नवंबर में नौकरी में कटौती की घोषणा की गई थी, तो भारत में 200 से 300 कर्मचारियों की छंटनी की उम्मीद थी. उस वक़्त सूत्रों ने कहा था, कि कंपनी की विभिन्न व्यावसायिक इकाइयों के भीतर से अधिक से अधिक लोगों को निकालने का प्रयास किया जाएगा. इतना ही नहीं, सूत्रों ने यह भी कहा था कि केवल उन्हीं लोगों को जाने के लिए कहा जाएगा, जिनके लिए यह उपयुक्त नहीं होगा.
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