अदाणी पोर्ट से समझौते पर उठे सवालों का इंडियन ऑयल ने दिया यह जवाब

अदाणी पोर्ट से समझौते पर उठे सवालों का इंडियन ऑयल ने दिया यह जवाब

आंध्र प्रदेश के गंगावरम में अदाणी पोर्ट (Adani Port) को किराए पर लेने के आरोपों के बीच अब इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (Indian Oil) ने स्पष्टीकरण दिया है. कंपनी ने कहा है, कि यह कोई 'टेक ऑर पे' समझौता नहीं है. आईओसी की तरफ़ से यह स्पष्टीकरण टीएमसी (TMC) नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद आयी है. 

आईओसी ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा, कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने अदाणी पोर्ट (APSEZL) के साथ एक गैर-बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. कॉरपोरेशन ने यह भी कहा है, कि वह एलपीजी (LPG) आयात करने के लिए बंदरगाहों को किराए पर लेने के लिए कोई टेंडर जारी नहीं करता.

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टीएमसी नेता ने उठाए थे सवाल  

आपको बता दें, कि हाल ही में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने अदाणी पोर्ट और इंडियल ऑयल कॉरपोरेशन के बीच हुए समझौते पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था, कि बिना किसी टेंडर और सीवीसी मानदंड के व्यापार को गंगावरम पोर्ट को दे दिया गया है. उन्होंने लिखा, कि “कोयले से स्किमिंग, गैस से स्किमिंग, अब हर घर में 'चूल्हे' से स्किमिंग. शर्म की बात है.” महुआ ने अपने इस ट्वीट में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी (Hardeep Puri) और केंद्रीय सतर्कता आयोग को भी टैग किया था.  

https://twitter.com/IndianOilcl/status/1626113275636379648?s=20 

आईओसी ने दिया जवाब 

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने अपने जवाब में कहा, कि वह कांडला, मुंद्रा, पीपावाव, वेस्ट कोस्ट, हल्दिया, विजाग सहित विभिन्न बंदरगाहों पर एलपीजी का आयात करते हैं. उन्होंने आगे कहा, कि आईओसी पूरे भारत में एलपीजी की आपूर्ति करने की क्षमता बढ़ाने के लिए नियमित रूप से विभिन्न बंदरगाहों के साथ समझौते करता है. 

इतना ही नहीं, आईओसी ने बताया कि एलपीजी टर्मिनलों को किराए पर लेने के लिए उनका मूल्यांकन किया जाता है. इसके लिए अलग से कोई टेंडर आमंत्रित नहीं किये जाते. उज्जवला योजना के बाद देश में 31.5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन हैं, जो पहले 14 करोड़ थे. वही, ओएमसी (OMC) लगातार नए बंदरगाह सुविधाओं की तलाश में है.

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