Hindenburg Effect: 10 दिनों में अडानी समूह को 118 अरब डॉलर का घाटा

Hindenburg Effect: 10 दिनों में अडानी समूह को 118 अरब डॉलर का घाटा
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हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research), अमेरिका में एक शॉर्ट-सेलर फर्म अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के समूह पर अपनी रिपोर्ट के बाद अडानी समूह (Adani Group) के शेयरों में गिरावट के कारण सुर्खियां बटोर रही है. आपको बता दें, कि समूह की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण अब 99 बिलियन डॉलर है, जो कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट बिजनेस वेबसाइट फॉर्च्यून के अनुमान से पहले 217 बिलियन डॉलर था.

मिली जानकारी के मुताबिक, अडानी समूह को 10 दिनों में करीब 118 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. ऐसा माना जा रहा है, कि हिंडनबर्ग द्वारा समूह पर स्टॉक हेरफेर, टैक्स हेवन के अनुचित उपयोग, मनी लॉन्ड्रिंग और बढ़ते ऋणों का आरोप लगाने के बाद से 50% की गिरावट आई है.

गौतम अडानी, जो एशिया के सबसे अमीर आदमी के रूप में अपने पद से विस्थापित हो गए हैं. उन्होंने इस सप्ताह एक बयान में यह भी कहा, कि निवेशकों का हित सर्वोपरि था और उन्होंने अपनी प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में 20,000 करोड़ रुपये की शेयर बिक्री बंद कर दी.

गौरतलब है, कि हिंडनबर्ग अमेरिका में एक फर्म है जो फोरेंसिक वित्तीय अनुसंधान में विशेषज्ञता का दावा करती है. इसके साथ ही, यह व्यापार जगत में भ्रष्टाचार या धोखाधड़ी की तलाश करने का दावा करता है. इसको कनेक्टिकट के मूल निवासी नाथन एंडरसन द्वारा औपचारिक रूप से 2017 में एक डेटा कंपनी कार्यकर्ता द्वारा लॉन्च किया गया था.

हिंडनबर्ग बनाम अडानी ग्रुप

जनवरी 2023 में आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद, अडानी समूह ने शोध की आलोचना करते हुए कई बयान जारी किए, जिसे उसने आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण करार दिया. हिंडनबर्ग ने यह कहते हुए प्रतिक्रिया दी, कि “धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद या एक फूला हुआ जवाब नहीं दिया जा सकता है, जो हमारे द्वारा उठाए गए हर प्रमुख आरोप को नजरअंदाज करता है.”

गौरतलब है, कि अडानी समूह की 10 सूचीबद्ध फर्मों को पिछले 6 दिनों में 8.76 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. मगर इनमें से कुछ के शेयरों ने पिछले 6 दिनों में भारी गिरावट का सामना करने के बाद अच्छी वापसी की. वहीं, भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) ने भी कहा कि अडानी समूह की कंपनियों के लिए बैंकों के जोखिम के बारे में चिंताओं के बीच देश की बैंकिंग प्रणाली लचीली और स्थिर बनी हुई है.

केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, "पूंजी पर्याप्तता, संपत्ति की गुणवत्ता, तरलता, प्रावधान कवरेज और लाभप्रदता से संबंधित विभिन्न पैरामीटर स्वस्थ हैं. बैंक आरबीआई द्वारा जारी बड़े एक्सपोजर फ्रेमवर्क दिशानिर्देशों के अनुपालन में भी सक्षम है."

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