
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ चल रही हड़ताल- भारत बंद (Bharat Bandh) का आज दूसरा दिन है. पहले दिन, जहाँ कुछ राज्यों में हज़ारों की तादाद में श्रमिक इस राष्ट्रीय हड़ताल (National Strike) का हिस्सा बने. तो वहीं, कुछ राज्यों में सरकारी कर्मचारियों पर हड़ताल में जाने से प्रतिबंध भी लगाए गए. गौरतलब है, कि झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलाडु और तेलंगाना में श्रमिक बढ़-चढ़कर इस हड़ताल का हिस्सा बने.
NMDC खदान मजदूर संघ के सेक्रेटरी, राजेश संधू का कहना है, कि "झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कोयला खदान के सभी कामगार अपने काम को छोड़कर भारत-बंद का हिस्सा बने हैं, जिसे मंगलवार को दो दिन पूरे होने हैं." आपको बता दें, कि NMDC देश की सबसे बड़ी लौह अयस्क खनन कंपनी है. वहीं, इस हड़ताल के चलते अधिकतर खदानों और स्टील प्लांटो का काम ठप रहा. राजेश संधू ने आगे ये भी बताया, कि "हड़ताल करने वालों ने बसों को सुबह 5 बजे से 6 घंटों तक रोके रखा".
वहीं, पुडुचेरी में भी दुकानें कल और आज बंद रहीं. हालांकि, सरकारी ऑफिस और सरकारी बसें दोनों पर इस हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा. दूसरी तरफ, तमिलनाडु में सरकारी और निजी, दोनों ही क्षेत्रों पर इसका असर देखने को मिला. बैंकिंग का क्षेत्र इस हद तक ठप पड़ गया, कि आज लोगों को साधारण बैंक सुविधाएं भी नसीब नहीं हो रही हैं. इसी के साथ, पश्चिम बंगाल में हड़तालकर्ताओं ने कहीं रोड जाम किये, तो कहीं पर ट्रेनें रोकी गईं. आपको बता दें, कि इन राज्यों में भारत बंद के चलते, पुलिस सुरक्षा भी तैनात की गई है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि अलग-अलग राज्यों की कम-से-कम 10 ट्रेड यूनियनों ने मिलकर इस हड़ताल को शुरू किया है. यह भारत बंद सरकार की उन नीतियों के खिलाफ है जो किसानों, श्रमिकों, बैंक कर्मचारियों और आम जनता को अपने लिए गलत लग रही हैं.