
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड जारी करने और इनके इस्तेमाल से जुड़े मूल दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो 1 जुलाई, 2022 से लागू होंगे. गौरतलब है, कि इन नए नियमों को पेमेंट बैंक, राज्य सहकारी बैंक और जिला स्तर के केंद्रीय सहकारी बैंक को छोड़कर, देश के सभी बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFCs) को मानना होगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि आरबीआई द्वारा जारी हुए नए नियम के आने से ये उम्मीद की जा रही है, कि अब क्रेडिट और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल पहले से अधिक सुरक्षित हो सकेगा. वहीं इन नियमों की खास बात यह है, कि अब क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड इश्यू करने वाले बैंक, ग्राहकों के साथ मनमानी नहीं कर सकेंगे. इसके साथ ही, इन नियमों का मकसद कार्ड के इस्तेमाल को और अधिक उपयोगी बनाना है.
1. नए नियमों के अनुसार, अब बिना सहमति के कार्ड जारी करने या अपग्रेडेशन करने पर पाबंदी लगा दी गई है.
2. जारी किए गए कार्ड या कार्ड के साथ पेश किए गए अन्य सुविधाओं के लिए ग्राहक की लिखित सहमति ज़रूरी है. इसके अलावा, कार्ड-जारीकर्ता मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के साथ अन्य डिजिटल मोड का भी इस्तेमाल कर पाएंगे.
3. अगर कार्ड जारी करने के दिन से 30 दिनों से अधिक समय तक ग्राहक द्वारा इसे एक्टिवेट नहीं किया जाता है, तो कार्ड-जारीकर्ता क्रेडिट कार्ड को एक्टिवेट करने के लिए कार्डहोल्डर से वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) बेस्ड सहमति प्राप्त करेंगे.
4. ग्राहकों के खोए हुए कार्ड, कार्ड धोखाधड़ी से होने वाली देनदारियों के लिए एक बीमा कवर शुरू करने पर विचार किया जाएगा.
5. नए क्रेडिट कार्ड अकाउंट से संबंधित किसी भी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन को क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को कार्ड के एक्टिवेट होने से पहले रिपोर्ट नहीं करेगा.
रिजर्व बैंक द्वारा जारी किये गए इन दिशानिर्देशों के अनुसार, क्रेडिट और डेबिट कार्ड अकाउंट बंद करने के मामले में अगर कार्ड जारी करने वाला कोई संस्थान, कार्डधारक का अकाउंट बंद करने में देरी करता है, तो उसे जुर्माना देना होगा.