
फिनटेक यूनिकॉर्न भारत पे (Bharat Pe) ने उसके अपदस्थ सह-संस्थापक, अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर (Madhuri Jain Grover) के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू कर दी है. इस दौरान उन्होंने 88 करोड़ रुपये की मांग की और आरोप लगाया, कि ग्रोवर परिवार ने फर्जी बिल बनाए, कंपनी को सेवाएं देने के लिए फर्जी वेंडरों को सूचीबद्ध किया और भर्ती के लिए कंपनी से अधिक पैसे लिए थे.
आज 8 दिसंबर 2022 को मामले की पहली सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में हुई. इसके बाद, ग्रोवर परिवार को समन जारी कर दो सप्ताह केन्द्र कंपनी के आरोपों पर जवाब देने को कहा गया है. वहीं, अगली सुनवाई 9 जनवरी 2023 को होगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि अश्नीर इस फिनटेक कंपनी में नियंत्रण प्रमुख थे और इस साल की शुरुआत में फॉरेंसिक ऑडिट में कई अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद उन्हें बाहर निकाल दिया गया था. इसके बाद, बोर्ड के साथ एक सार्वजनिक विवाद के बाद उन्होंने सीईओ के पद से भी इस्तीफा दे दिया.
भारत पे का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने भी अनुरोध किया है, कि अदालत हस्तक्षेप करे जिससे अश्नीर को सोशल मीडिया पर कंपनी के खिलाफ अपने 'विट्रियल अभियान' को जारी रखने से रोका जा सके. इसके साथ ही, सिविल सूट में कंपनी ने पैसों की हेराफेरी के लिए 83 करोड़ रुपये और अश्नीर के सार्वजनिक बयानों के कारण प्रतिष्ठित नुकसान के लिए 5 करोड़ रुपये की मांग की है.
चार साल पुरानी कंपनी इस साल की शुरुआत से ही विवादों में घिरी रही है. संस्थापक अश्नीर ग्रोवर पर यह भी आरोप लगा, कि उन्होंने कोटक समूह (Kotak Group) के एक कर्मचारी को खुद के लिए और पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर के लिए नायका आईपीओ (Nykaa IPO) के लिए आवंटन और फंडिंग हासिल करने में विफल रहने पर धमकी दी थी.
फ़िलहाल टाइगर ग्लोबल (Tiger Global) के नेतृत्व में 370 मिलियन डॉलर जुटाने के बाद भारत पे अगस्त 2021 में यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो चुकी है. इसके साथ ही, कंपनी ने अक्टूबर में रजनीश कुमार (Rajneesh Kumar) को अध्यक्ष भी नियुक्त किया था.
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