
अडानी पोर्ट्स (Adani Ports) निवेशकों का विश्वास दोबारा जीतने की तैयारी में है. कंपनी जनवरी में शॉर्ट सेलर की तीखी रिपोर्ट आने के बाद, अगले महीने 1,000 करोड़ रुपये के अल्पावधि ऋण का भुगतान करेगी. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है, कि अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड एसबीआई (SBI) के म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) के समान क़र्ज़ के 1,000 करोड़ रुपये चुकाने के बाद कमर्शियल पेपर के ज़रिए जुटाए गए क़र्ज़ का भुगतान करेगा.
भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र के बंदरगाहों का संचालन करने वाली कंपनी ने सोमवार को अपने अल्पकालिक ऋण का भुगतान करने के लिए अपने नकदी शेष और व्यवसाय संचालन से उत्पन्न धन का उपयोग किया. ग़ौरतलब है, कि इस महीने की शुरुआत में अडानी पोर्ट्स के सीईओ करण अडानी (Karan Adani) ने कहा था, कि कंपनी को अगले वित्तीय वर्ष में 5,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड सहित ऋण चुकाने की उम्मीद है. 31 दिसंबर तक इसका नकद 6,257 करोड़ रुपये के बराबर था, जबकि इसका शुद्ध क़र्ज़ 39,277 करोड़ रुपये था.
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आपको बता दें, कि सोमवार को बीएसई (BSE) पर अडानी पोर्ट्स के शेयर 0.15% बढ़कर 579.65 रुपये पर बंद हुए. अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड, जो संकटग्रस्त अडानी ग्रुप (Adani Group) का हिस्सा है, ने दिसंबर तिमाही में कम तिमाही लाभ दर्ज किया, क्योंकि इसका विदेशी मुद्रा घाटा बढ़ गया था.
भारत की सबसे बड़ी निजी पोर्ट ऑपरेटर कंपनी अडानी पोर्ट्स, 24 जनवरी के बाद से विवादों में फंसी अदानी ग्रुप की कई कंपनियों में से एक है. अदानी ग्रुप पर यूएस स्थित लघु-विक्रेता हिंडनबर्ग रिसर्च ने लेन-देन, धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप लगाया था. इसी बीच, अडानी पोर्ट्स ने कहा कि तीसरी तिमाही में उसका समेकित शुद्ध लाभ 16% से गिरकर 1,316 करोड़ रुपये रहा.
इसके साथ ही, कंपनी का परिचालन से राजस्व 17.5% बढ़कर 4,786 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, मार्क-टू-मार्केट घाटे के कारण कंपनी का लाभ एक साल पहले के मुक़ाबले 12.7 करोड़ रुपये से बढ़कर 315 करोड़ रुपये हो गया.