
सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) फिलहाल 17 फरवरी 2023 को अडानी-हिंडनबर्ग मामले (Adani Hindenburg Row) में कांग्रेस नेता की एक नई याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है. इस याचिका में अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) द्वारा लगाए गए आरोपों के अंतर्गत अडानी समूह (Adani Group) की कंपनियों के खिलाफ शीर्ष अदालत के न्यायाधीश की देखरेख में जांच की मांग की गई थी.
आपको बता दें, कि मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice D Y Chandrachud) और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा (Justice P S Narasimha) की पीठ ने कांग्रेस नेता जया ठाकुर (Jaya Thakur) का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील की दलीलों पर ध्यान दिया है, कि इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है. वहीं, पीठ ने शुरू में 24 फरवरी 2023 को सुनवाई के लिए जनहित याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की थी लेकिन बाद में 17 फरवरी को इसपर सुनवाई करने का फैसला किया.
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मिली जानकारी के मुताबिक, जया ठाकुर ने भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) यानी एलआईसी (LIC) और भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) यानी एसबीआई (SBI) की अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में भारी मात्रा में सार्वजनिक धन के निवेश की भूमिका की जांच के लिए निर्देश देने की भी मांग की है.
वहीं, हिंडनबर्ग रिसर्च के धोखाधड़ी के आरोपों से हाल ही में अडानी समूह शेयर बाज़ार में चर्चा का विषय बना हुआ है. दूसरी तरफ गौतम अडानी (Gautam Adani) ने भी हाल ही में अप्रत्याशित रूप से अपने 20000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर यानी एफपीओ को निवेशकों के हित में वापस लेने की घोषणा की थी, जो सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है.
फिलहाल अडानी समूह ने स्टॉक हेरफेर के आरोप को यह कहते हुए खारिज कर दिया, कि इसका कोई आधार नहीं है और यह भारतीय कानून की अज्ञानता से उपजा है. कंपनी ने यह भी कहा, कि पिछले एक दशक में समूह की कंपनियों ने लगातार अच्छा काम किया है.
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