
Assam में बीजेपी सरकार ने कैबिनेट की मंज़ूरी मिलने के बाद 'राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान' का नाम बदलकर अब 'ओरांग राष्ट्रीय उद्यान' कर दिया है. बुधवार को राज्य में हुई कैबिनेट बैठक में राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलने को लेकर फैसला लिया गया था. यह फैसला आदिवासी और चाय जनजाति समुदायों द्वारा राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलने की उठाई गई मांग के 48 घंटों के भीतर लिया गया है.
Assam सरकार के मंत्री Ashok Singhal ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी देते हुए कहा कि, "माननीय मुख्यमंत्री डॉ. Himanta Biswa जी के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए असम मंत्रिमंडल ने आज "राजीव गांधी ओरांग राष्ट्रीय उद्यान" का नाम बदलकर 'ओरांग राष्ट्रीय उद्यान" करने का निर्णय लिया. यह साहसिक फैसला भाजपा सरकार ने टी ट्राइब्स समुदायों द्वारा उठाई गई मांग के 48 घंटे के भीतर लिया है."
Assam के जल संसाधन मंत्री ने स्पष्ट करते हुए कहा कि, राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलने के पीछे आदिवासी और चाय बागान से जुड़े जनजातियों द्वारा उठाई गई मांग है. वहीं जल संसाधन मंत्री Piyush Hazarika ने कहा कि, "कुछ दिन पहले Assam के मुख्यमंत्री Himanta Biswa ने आदिवासी और चाय जनजाति समुदायों के लोगों से बैठक की थी. जिसमें आदिवासी और चाय जनजाति के लोगों ने राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलने की मांग की थी. इनकी मांग को ध्यान में रखते हुए असम कैबिनेट ने राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलकर ओरांग राष्ट्रीय उद्यान करने का फैसला किया है."
आपको बता दें, कि राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान अब ओरांग राष्ट्रीय उद्यान Assam के दरांग और सोनितपुर ज़िलों में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर 79.28 वर्ग में किलोमीटर में फैला हुआ है. इस उद्यान को साल 1985 में स्थापित किया गया था, जबकि 13 अप्रैल, 1999 को इसे राष्ट्रीय उद्यान की मंज़ूरी मिली थी. ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित इस राष्ट्रीय उद्यान में रॉयल बंगाल टाइगर, भारतीय गेंडे, एशियाई हाथी, जंगली जल भैंस, पिग्मी हॉग (छोटे सुअर) आदि जानवर देखने को मिलते हैं.