Happy Birthday Amit Shah: आधुनिक राजनीति के ‘चाणक्य’ के 4 यादगार भाषण

Happy Birthday Amit Shah: आधुनिक राजनीति के ‘चाणक्य’ के 4 यादगार भाषण

केंद्रीय गृहमंत्री Amit Shah आज 57 साल के हो गए है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दाहिने हाथ के रूप में माने जाने वाले Amit Shah, अपने प्रबंधन कौशल के साथ पार्टी रैंक में महत्वपूर्ण स्थान पर आते है. अपनी संगठनात्मक क्षमताओं के लिए, गृहमंत्री को आधुनिक समय की राजनीति के 'चाणक्य' के रूप में भी परिभाषित किया जाता है.

Amit Shah के जन्मदिन पर एक नज़र उनके द्वारा दिए गए बेहतरीन भाषणों पर

1. पार्लियामेंट में पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन पर 

Amit Shah ने ये भाषण, संसद में 5 अगस्त 2019 को दिया था. उस समय संसद में अनुच्छेद 370 को लेकर बहस जारी थी. उन्होंने कहा, "मैं इसे रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं, कि जब भी मैंने जम्मू-कश्मीर कहा है, तो इसका मतलब पीओके और अक्साई चीन से भी है. जम्मू और कश्मीर, भारत संघ का एक अभिन्न अंग है और कश्मीर की सीमा में पीओके भी आता है. जान दे देंगे इसके लिए (पीओके भी कश्मीर का हिस्सा है. इसके लिए मरने को तैयार)".

2. CAA Bill पर 

Amit Shah ने बंगाल के ठाकुरनगर में एक 'परिवर्तन' रैली को संबोधित किया था. यहां दिए गए भाषण में उन्होंने जनता को आश्वासन दिया, कि "CAA Bill के कारण कोई भी मुस्लिम, भारतीय नागरिकता नहीं खोएगा. सरकार केवल उन लोगों को नागरिकता देना चाहती है, जो 70 साल से भारत में प्रवासी बनकर रह रहे है".

3. 2020 में हुऐ दिल्ली दंगो पर 

केंद्रीय गृहमंत्री Amit Shah ने वर्ष 2020 में हुऐ दिल्ली दंगो को लेकर लोकसभा में कहा था, कि ये घटना "सुनियोजित साजिश" प्रतीत होती है. पुलिस दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करेगी, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो. हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ़ हम जो कड़ी कार्यवाही करेंगे, वह पूरे देश (दंगाइयों से निपटने के लिए) के लिए एक उदाहरण होगा".

4. तीन तलाक को लेकर 

श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री Amit Shah ने कहा था, कि तीन तलाक एक ऐतिहासिक गलती थी, जिसे भाजपा सरकार ने ठीक किया है. तीन तलाक बिल का विरोध करने वाले राजनीतिक दल भी अंदर से जानते थे, कि ऐसा करना सही है. सरकार ने पिछले पांच वर्षों में करीब 25 ऐतिहासिक फैसले हासिल किए है, लेकिन कुछ दल इतने सालों में भी ऐसा नहीं कर सके थे".

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