
ठंड के मौसम में गठिया यानी आर्थराइटिस (Arthritis) के मरीजों के जोड़ों में काफी दर्द की समस्या सुनाई देती है. आपको बता दें, कि भारत में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली आर्थराइटिस एक पुरानी बीमारी है, जो सूजन या जोड़ों में अकड़न के कारण होती है. वहीं, कुछ जड़ी-बूटियाँ ऐसी भी हैं हैं, जो इसके दर्द को कम करने और रोग को प्रबंधित करने में मदद कर सकती हैं.
पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, आर्थराइटिस एक पुरानी स्थिति है, जो भारत में 180 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करती है. इसके अलावा, ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड आर्थराइटिस, इसके दो प्रमुख रूप हैं. यह गंभीर जोड़ों के दर्द और जीवन की गुणवत्ता में कमी से जुड़े हैं.
आर्थराइटिस के साथ रहना और जोड़ों में सभी सूजन और दर्द को सहन करना आसान नहीं है और यही असहनीय दर्द आर्थराइटिस रोगियों के लिए रोजमर्रा के कार्यों को कठिन बना सकता है. हालांकि, आहार परिवर्तन सूजन को काफी कम कर सकते हैं और रोग के प्रबंधन में मदद कर सकते हैं.
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1. एलोवेरा: इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. इसके साथ ही, यह जेल एंथ्राक्विनोन से भरा होता है जो आर्थराइटिस से राहत दिलाने में मदद करता है. यह आप घर में भी लगा सकते हैं और पतंजलि (Patanjali) जैसे आयुर्वेदिक ब्रांड से भी खरीदकर इस्तेमक कर सकते हैं.
2. हल्दी: इसके मुख्य घटक करक्यूमिन में सूजन-रोधी गुण होते हैं. ऐसे में, यह अच्छी सेहत के साथ-साथ आर्थराइटिस में भी फायदेमंद है.
3. थाइम: इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो हड्डी से सम्बंधित समस्या में बहुत कारगर है.
4. अदरक: अदरक में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जिसमें ल्यूकोट्रिएनेस नामक भड़काऊ अणुओं को दबाने और दर्द और सूजन पैदा करने वाले प्रोस्टाग्लैंडीन को संश्लेषित करने की क्षमता शामिल है.
5. लहसुन: लहसुन में डायलिल डाइसल्फ़ाइड होता है, जो एक एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड है जो प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स के प्रभाव को कम करता है.
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