
बिहार (Bihar) में चमकी बुखार (Chamki Fever) ने एक बार फिर अपना कहर फैलाना शुरु कर दिया है. हर साल होने वाली यह बिमारी राज्य में फिर से चिंता का विषय बनती जा रही है. इसी बीच, बिहार के मुज़फ्फरपुर (Muzaffarpur) ज़िले से इस बीमारी से पीड़ित एक बच्चे की मौत की खबर सामने आई है. आपको बता दें, कि बिहार में इस बिमारी से हर साल कई बच्चों की जानें जाती है.
बिहार के मुज़फ्फरपुर ज़िले में चमकी बुखार से पीड़ित यह बच्चा, वैशाली के निवासी बबलू महतो का बेटा था, जिसे तेज़ बुखार होने के बाद मुज़फ्फरपुर के केजरीवाल अस्पताल (Kejriwal Hospital) में भर्ती कराया गया था. मगर अस्पताल में ठीक होने के लक्षण न दिखने के बाद, डॉक्टरों ने उसे इलाज के लिए श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (Sri Krishna Medical College and Hospital) भेज दिया था. वहां बुधवार 13 अप्रैल को उसका निधन हो गया.
मुज़फ्फरपुर के डिस्ट्रिक्ट पब्लिक रिलेशन अधिकारी कमल सिंह ने बच्चे की मौत की पुष्टि की है. कमल सिंह के मुताबिक, "पिछले 1 साल में मुज़फ्फरपुर में भर्ती हुए एक दर्जन बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित हैं. उनमें से 2 की अब तक मौत हो चुकी है. बाकी के 10 बच्चे बीमारी से उबर चुके हैं." सिंह ने यह भी बताया, कि "वर्तमान में साधारण लक्षणों के साथ 6 बच्चे श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती हैं. हालांकि, चमकी बुखार की पुष्टि होना अभी बाकी है."
गौरतलब है, कि चमकी बुखार को एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) के नाम से जाना जाता है. यह चमकी बुखार बिहार के मुज़फ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली और दरभंगा जैसे ज़िलों में हर साल फैलता है. इन चारों ज़िलों और इनके आसपास के बाकी ज़िलों में भी, मार्च और अगस्त के बीच यह बुखार अपना कहर दिखाता है. चिकित्सा विशेषज्ञों का यह मानना है, कि इन ज़िलों में नमी और तापमान ज़्यादा है. इसी कारण इन ज़िलों में 0 से 10 साल की उम्र के बच्चों में यह बुखार फैलता है.