
भगवान राम (Ram) का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था. इसलिए, इस दिन को पूरा भारतवर्ष राम नवमी (Ram Navami) के रूप में मनाता है. इसलिए हर साल इस दिन भगवान राम की पूजा किया जाती है. इस दिन भगवान राम की मूर्ति को केसर युक्त दूध से अभिषेक कर नए वस्त्र पहनाए जाते हैं. इस दिन रामचरितमानस (Ram Charit Manas ) का पाठ भी किया जाता है.
राम नवमी को भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. साथ ही, इस दिन वसंत नवरात्रि या चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का अंत मनाया जाता है, जो उगादी से शुरू हुआ था. इस दिन नौ दिन की चैत्र नवरात्रि के अंत का जश्न मनाते हैं, जो राम नवरात्रि या राम नवमी के रूप में भी जाना जाता है.
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राम नवमी हिंदू धर्म के सभी समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले पाँच प्रमुख पवित्र त्योहारों में से एक है. राम नवमी का इतिहास भगवान राम के जन्म का है. अयोध्या के राजा दशरथ और उनकी पत्नी कौशल्या भगवान राम के माता-पिता हैं
राम नवमी के दिन भक्त रामायण (Ramayana) और श्रीमद्भागवत (Shrimad Bhagwat) जैसी पवित्र ग्रंथों का पाठ करते हैं. भगवान राम के धरती पर अवतरण के उत्सव पर लोग सच्चे मन से उनकी पूजा अर्चना करते हैं. ऐसा करने से घर में सुख शांति आती है और भक्तों की मनोकामना पूरी होती है.
इस साल राम नवमी का त्योहार 30 मार्च, 2023 को होगा. राम नवमी हिंदू चंद्र निर्णय के अनुसार पहला माह चैत्र का नवमी के दिन मनाया जाता है.
हालांकि तारीखें हर साल बदलती रहती हैं, लेकिन यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी के रूप में आमतौर पर मनाया जाता है.
राम नवमी 2023 की तारीख और शुभ मुहूर्त
गुरुवार 30 मार्च - राम नवमी
नवमी तिथि प्रारम्भ 29 मार्च रात्रि 09.07
नवमी तिथि समाप्त 30 मार्च रात 10.30 मिनट पर
राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त 11.11 सुबह से 01.40 शाम तक
अवधि 2 घंटा 29 मिनट
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