
भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग त्योहार कई दिलचस्प तरीके से मनाए जाते हैं. रोशनी का त्योहार दीवाली (Diwali 2022) भी इससे अछूता नहीं है. भारत के विभिन्न हिस्सों में लोग विभिन्न प्रथाओं, अनुष्ठानों और बहुत विविध तरीकों से दीवाली मनाते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि भारत के अधिकांश हिस्सों में दीवाली पर देवी लक्ष्मी की पूजा करके, घरों को दीयों से रोशन करके, प्रियजनों को उपहार देकर और पटाखे फोड़कर यह त्योहार मनाया जाता है.
आइए आपको बताते हैं, भारत के विभिन्न हिस्सों में दीवाली मनाने के 6 तरीके और प्रथा.
1. महाराष्ट्र
महाराष्ट्र (Maharashtra) में दीवाली की शुरुआत वासु बरस की रस्म से होती है, जो गायों के सम्मान के लिए होती है. प्राचीन चिकित्सक धन्वंतरि को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग धनतेरस (Dhanteras) मनाते हैं. वहीं, दीवाली के अवसर पर महाराष्ट्र के लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और पति-पत्नी के प्यार का जश्न मनाते हुए दीवाली मनाते हैं. यह समारोह, भाव बिज और तुसली विवाह के साथ समाप्त होता है, जो शादियों की शुरुआत का प्रतीक है.
2. पंजाब
पंजाब (Punjab) में दीवाली, बंदी छोर दिवस के समय आती है. यह एक सिख त्योहार है जिसे घरों और गुरुद्वारों को रोशन करने, उपहार देने, पटाखे फोड़ने और दावत के साथ मनाया जाता है. पंजाबी लोग दीवाली पर देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और यह पंजाब में सर्दियों के आगमन का भी प्रतीक है.
3. गोवा
गोवा (Goa) में दीवाली भगवान कृष्ण को समर्पित है, जो राक्षस नरकासुर को नष्ट कर रही है. इस त्योहार से एक दिन पहले नरकासुर चतुर्दशी के दिन राक्षस के विशाल पुतले बनाए और साथ ही जलाए भी जाते हैं. इस त्योहार के दौरान, गोवा और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में कई लोग पाप से मुक्त होने के लिए अपने शरीर पर नारियल का तेल लगाते हैं.
4. वाराणसी
वाराणसी (Varanasi) में देवताओं की दीवाली मनाई जाती है, जिसे स्थानीय लोग देव दीपावली के नाम से जानते है. लोगों का मानना है, कि इस दौरान देवी-देवता पवित्र गंगा में डुबकी लगाने के लिए धरती पर आते हैं. गंगा नदी में प्रार्थना और दीये समर्पित किये जाते हैं, साथ ही, दीपों और रंगोली से सजे किनारे बेहद सुंदर लगता है. देव दीपावली कार्तिक मास की पूर्णिमा को होती है और यह दीवाली के 15 दिन बाद होती है.
5. ओडिशा
ओडिशा (Odisha) में दीवाली के अवसर पर लोग कौरिया काठी करते हैं. यह एक ऐसा अनुष्ठान है, जिसमें लोग स्वर्ग में अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं. वह अपने पूर्वजों को बुलाने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए जूट की छड़ें जलाते हैं. दीवाली के दौरान, उड़िया देवी लक्ष्मी-भगवान गणेश और देवी काली की पूजा करते हैं.
6. गुजरात
दीवाली के साथ ही गुजरात (Gujarat) के लोगों का एक साल खत्म हो जाता है. गुजराती लोग दीवाली के अगले दिन गुजराती नव वर्ष दिवस, बेस्टु वरस मनाते हैं. वहीं, उत्सव की शुरुआत वाग बरस से होती है और उसके बाद धनतेरस, काली चौदश, दीवाली, बेस्टु वरस और भाई बिज आते हैं.
तो यह थी भारत के कोने-कोने में दीवाली मनाने से जुड़ी कुछ शानदार जानकारी और कहानी. वहीं, इस साल कोविड-19 (Covid-19) महामारी के मामलों में कमी के कारण भारत सरकार ने भी नियमों में काफ़ी नरमी बरती है. ऐसे में, उम्मीद है कि इस साल फिर से दीवाली की पुरानी रौनक वापस आएगी.
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