
आज से 2 साल पहले भारतीय सिनेमा जगत को एक गहरा सदमा लगा था. आपको बता दें, कि आज के ही दिन अपनी सादगी और सधी हुई अदाकारी से लोगों का दिल चुरा लेने वाले अभिनेता इरफान खान (Irfan Khan) ने दुनिया को अलविदा कहा था. अपने 3 दशक के फ़िल्मी करियर में, इरफान ने न केवल इंडस्ट्री में अपनी छाप छोड़ी बल्कि विदेशों में भी लोग उनकी अदाकारी के कायल थे.
मगर 29 अप्रैल 2020 को भारत ने हिंदी सिनेमा जगत के इस प्रतिभावान सितारे को हमेशा-हमेशा के खो दिया. गौरतलब है, कि न्यूरोएंडोक्राईन ट्यूमर नाम की बीमारी से आज ही के दिन 2 साल पहले उनका निधन हो गया था.
7 जनवरी 1967 को राजस्थान के जयपुर में जन्मे इरफान का सपना क्रिकेटर बनने का था. मगर किस्मत उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में ले आई, जहां उनकी मुलाकात सुतापा सिकदर से हुई और यह मुलाकात आगे जाकर शादी में तब्दील हो गई. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ाई पूरी करके इरफान मुंबई आ गए. उन्हें साल 1988 में आई फ़िल्म ‘सलाम बॉम्बे’ में एक छोटा सा रोल मिला था, लेकिन शायद उस समय उन पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
मगर साल 2003 में उनकी फ़िल्म ‘हासिल’ रिलीज़ हुई और उसके बाद ‘मकबूल’. बस यहीं से इरफान का स्टारडम शुरू हुआ, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
बॉलीवुड में अपनी अदाकारी से सबको प्रभावित करने वाले इरफान खान असल जिंदगी में काफ़ी शर्मीले थे. उन्होंने खुद हॉलीवुड फ़िल्म की शूटिंग के दौरान एक मजेदार किस्सा सुनाकर अपने शर्मीले स्वाभाव के बारे में बताया था. दरअसल इरफान खान से एक इंटरव्यू में रोमांस को लेकर सवाल पूछा गया था. तब उन्होंने कहा, कि “रोमांस हमें जिंदगी की कड़वाहट से लड़ने की ताकत देता है.”
इस दौरान इरफ़ान ने हॉलीवुड में एक इंटीमेट सीन का किस्सा भी सुनाया. उन्होंने कहा, कि “जब डायरेक्टर ने मुझे कुर्ता उतारकर बेड पर सोने को कहा, तब मैंने मना कर दिया था. हमारे यहां कपड़े उतारकर नहीं सोते, मैं हिंदुस्तानी किरदार अदा कर रहा हूं और मैं कुर्ता पहनकर ही सीन करूंगा. इसके बाद मैने कुर्ता पहनकर ही वो सीन पूरा किया." साथ ही उन्होंने कहा, कि “मुझे बड़ी शर्म आ रही थी, मैं अपना जिस्म नहीं दिखाना चाहता था.”