
भारत एक ऐसा देश है, जहां पर सभी त्योहार काफ़ी धूम धाम से मनाए जाते हैं. इसी बीच पूरा देश अभी रंगो के सबसे बड़े त्योहार, यानी Holi में रंगा हुआ है. वहीं Holi का नाम सुनते ही मन मे जो छवि उभरती है, वो है रंगों से खिले चेहरे, गुझिया, पकवान, मस्ती और धमाल. रंगो के इस त्योहार को हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है.
वैसे तो, Holi के इस त्योहार को पूरे भारत में धूम धाम से खेला जाता है, लेकिन इस उत्सव को मनाने की शैलियाँ अलग-अलग हैं.
1. लट्ठ मार - बरसाना (उतर प्रदेश)
उत्तर प्रदेश राज्य के बरसाना में Holi को एक विशेष तरीके से मनाया जाता है, जो सबसे अनोखे और प्रसिद्ध तरीकों में से एक है. बरसाना में इस त्योहार को सिर्फ रंगों के साथ ही नहीं, बल्कि लाठियों के साथ भी मनाया जाता है. दरअसल, बरसाना मे नंदगाँव के पुरुष और महिलाएं लाठियों और फूलों से बने रंगों के साथ होली मनाने के लिए आते हैं. इस दौरान गोपाल (पुरुष), गोपियों (महिलाओं) को रंग लगाते है और गोपियाँ इससे बचने के लिए पुरुषों को लाठी से पीटतीं हैं.
2. शिमगो - गोवा
देश के सबसे छोटे राज्य गोवा में Holi के उत्सव को, शिगमो (Shigmo) नाम से जाना जाता है. दरअसल, गोवा में इसे किसानों के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है, क्योंकि वह इसमें वसंत ऋतु का आनंदपूर्वक स्वागत करते हैं. शिगमो उत्सव को हर वर्ष 14 दिनों के लिए मनाया जाता है. वहीं इस उत्सव में सड़कों पर बड़े पैमाने पर जुलूस निकाला जाता है और इनमें अलग-अलग डांस ग्रुप द्वारा, नृत्य का प्रदर्शन होता है. गोवा के इस रंग-बिरंगे उत्सव को और आकर्षक बनाने लिए, लोग अपनी नौकाओं को भी पौराणिक विषयों के आधार पर सजाते हैं.
3. योसंग - मणिपुर
उत्तर पूर्वी भाग में रंगो के त्योहार का एक अलग ही रूप देखने को मिलता है. दरअसल, मणिपुर में Holi को योसांग (Yaoshang) के नाम से जाता है. यह पूर्णिमा के दिन से शुरू होता है और 5 दिनों तक, धूम धाम से मनाया जाता है. पाखंगबा, देवता को श्रद्धांजलि देने के साथ ही इस उत्सव की शुरुआत होती है. वहीं सूरज ढलने के बाद, लोग बांस की झोपड़ी बनाते (जिसे ‘योसंग कहते है) और त्योहार के दिन झोपड़ी को जलाते हैं.
4. फगुनवा - बिहार
बिहार में रंगो के उत्सव को स्थानीय भाषा में फगुनवा कहते है. यहां पर Holi खेलने से पहले होलिका जलाना महत्वपूर्ण माना जाता है. यहां पर भक्त प्रह्लाद की होलिका पर जीतने वाली कथा का बहुत महत्व है. गाय के गोबर के उपले, ताज़ा अनाज और होलिका के पेड़ की लकड़ी डालकर अलाव जलाए जाते हैं और इसकी पूजा की जाती है.
5. होला मोहल्ला - पंजाब
पंजाब में रंगो के उत्सव को एक अलग नाम और अलग तरीके से मनाया जाता है. दरअसल, पंजाब में Holi को होला मोहल्ला उत्सव के नाम से जाना जाता है. पंजाब के आनंदपुर साहिब में बड़े धूम धाम से होला मोहल्ला उत्सव का आयोजन होता है. महान गुरु गोबिंद सिंह ने अपने समय में होला मोहल्ला मेले की शुरुआत की गई थी, जिसमें सिख सैन्य अभ्यास किया करते थे.
6. मंजुल कुली - केरल
मंजुल कुली, जो न सिर्फ़ उत्तरी राज्यों में बल्कि, दक्षिणी राज्यों में भी मनाया जाता है. मगर इसे अलग नाम और परंपरा के साथ मनाया जाता है. भारत के दक्षिण राज्य केरल में, होली को मंजुल कुली यानी एक मधुर उत्सव के रूप में मनाया जाता है. वहां के लोग इस दिन गोसरीपुरम थिरुमा के कोंकणी मंदिर जाते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. इसके अगले दिन, रंगों का उपयोग के बिना पानी व हल्दी से इस त्योहार को मनाते हैं.
7. शाही होली - राजस्थान
राजस्थान में कई अलग अलग जगहों पर शाही होली खेली जाती है. राजस्थान की राजधानी और गुलाबी शहर के नाम से प्रसिद्ध जयपुर में शाही होली मनाई जाती है. इसके अलावा, झीलों को नगरी उदयपुर में भी शाही होली खेली जाती है. दरअसल, इस दौरान राजघराने में भव्य समारोह का आयोजन होता है, जिसमें स्थानीय और विदेशी पर्यटक उत्साह बढ़ाते हैं.
8. बैठकी या खड़ी - कुमाऊँ क्षेत्र, उत्तराखंड
उत्तराखंड राज्य में Holi को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. बैठकी होली, खड़ी होली और महिला होली. वहीं मुख्यतः बैठकी और खड़ी होली को ही मनाया जाता है, जिसमें पुरुष समुदाय अपने पारंपरिक परिधान में इकट्ठा होते हैं. साथ ही डोल, जोड़ा और हुरका जैसे पराम्परिक संगीत वाद्ययंत्रों की धुन पर पारंपरिक गीत गाया जाता है और नृत्य किया जाता है.
9. डोल जात्रा या बसंत उत्सव- पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में भी रंगो के त्योहार को बेहद ही प्यारे तरीके से मनाया जाता है. यहां पर इसे बसंत उत्सव या डोल जात्रा के नाम से जाना जाता है. दरअसल, इस उत्सव में पश्चिम बंगाल की महिलाएं पीले रंग की पोशाक पहनकर, खुले हाथों से बसंत ऋतु का स्वागत करती हैं. डोल जात्रा उत्सव में राधा और कृष्ण की पालकियाँ सजाई जाती है और फिर सड़कों पर बारात निकाली जाती है. इसके अलावा, लोग पारंपरिक गीतों और नृत्य के साथ कविताओं का पाठ भी करते हैं.
10. रंग पंचमी - महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में रंगों के त्योहार के पांच दिन बाद, रंग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की पंचमी को रंग पंचमी मनाई जाती है. यह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में पूरे धूम धाम से मनाया जाता है. इसे भी Holi की तरह पानी और रंगो के साथ मनाया जाता है. वहीं, वृंदावन और मथुरा के मंदिरों में, रंग पंचमी के उत्सव पर होली का समापन होता है.