
राहत सामग्री में ऑक्सीजन सिलेंडर और कॉन्सेंट्रेटर के अलावा वैक्सीन तैयार करने के लिए कच्ची सामग्री भी शामिल
भारत में कोरोना संक्रमण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। संक्रमितों की बढ़ती संख्या के चलते अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है। सभी अस्पताल ऑक्सीजन और अन्य सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। इस मुश्किल परिस्थिति के समय में कई देश भारत की मदद के लिए आगे आए हैं। यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस के बाद अमेरिका भी भारत की मदद करने वालों की फेहरिस्त में शुमार हो गया है। अमेरिका, भारत को इस चुनौती से निपटने के लिए 100 मिलियन डॉलर की मदद भेज रहा है। इस मदद में अमेरिका की ओर से ऑक्सीजन और वैक्सीन निर्माण की सामग्री मुहैया कराई जाएगी।
अमेरिका के ट्रैविस एयर फोर्स बेस से आ रही राहत सामग्री की पहली किस्त में 440 ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर शामिल हैं। यह सामग्री, कैलिफोर्निया राज्य के सहयोग से भारत पहुंच रही है। इसके अलावा, इस सामग्री में 9,60,000 रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट और 1,00,000 N 95 मास्क शामिल हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अप्रैल 2021 को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से वार्ता की थी। इस वार्ता में जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। इसके बाद से अमेरिका, आपातकाल राहत सामग्री के तौर पर 1100 ऑक्सीजन सिलेंडर और 1700 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर भेज चुका है। इन की मदद से प्रति इकाई 20 मरीजों को ऑक्सीजन पहुंचाई जा सकती है। अमेरिका द्वारा भेजी जा रही इस राहत सामग्री में, वैक्सीन निर्माण के लिए कच्चा माल भी शामिल है। इस सामग्री की मदद से भारत, 2 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन तैयार कर सकता है। इस सामग्री में एंटी वायरल दवा रेंडिसिविर के 20,000 डोज भी भेजे जा रहे हैं।
इस मदद पर व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा है कि जिस प्रकार महामारी के शुरुआती दिनों में भारत ने अमेरिका की मदद की थी, ठीक उसी प्रकार अमेरिका भी इस मुश्किल की घड़ी में भारत की सहायता करने का दृढ़ संकल्प कर चुका है। बता दें, कि भारत ने पिछले साल अमेरिका को हाइड्रोक्सी क्लोरो किन बतौर मदद भेजी थी।