
अमित जायसवाल के परिवार ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इलाज के लिए मांगी थी मदद। मदद की आशा थी, मगर मिली नहीं।
अमित जयसवाल, आगरा के निवासी, जिनके कार के पिछले शीशे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत बड़ा पोस्टर लगा हुआ था, अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनकी कार पर से वह बड़ा सा पोस्टर भी, उनकी बहन ने मृत्यु के बाद फाड़ दिया। अमित जायसवाल के परिवार वालों ने ट्विटर पर नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ से मदद मांगी, किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली। अमित जायसवाल, आरएसएस के कार्यकर्ता थे, और ट्विटर पर नरेंद्र मोदी द्वारा फॉलो किए जाने वाले कुछ चुनिंदा लोगों में शामिल थे। मथुरा के एक निजी अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई।
वह कोरोना से संक्रमित थे, कई दिनों से अस्पताल में एक बिस्तर ढूंढ रहे थे। जब बिस्तर नहीं मिला तो परिवार ने जायसवाल के ट्विटर अकाउंट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए मदद की गुहार लगाई, रेमडेसिवीर इंजेक्शन के लिए भी मदद मांगी। पोस्ट में यह भी लिखा गया था कि इलाज के दौरान उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।, लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार की कोई भी मदद नहीं मिली।
10 दिन इलाज के बाद, 42 वर्ष के अमित जायसवाल की मृत्यु हो गई। महज कुछ दिन बाद कोरोना से संक्रमित हो उनकी मां भी चल बसी। जायसवाल के परिवार ने उन्हें स्वघोषित "मोदी भक्त" कहा। उनके व्हाट्सएप की डीपी में भी नरेंद्र मोदी हैं, ट्विटर के बायो में भी वह गर्व से लिखते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें फॉलो करते हैं। जिसका पूरा जीवन ही मोदीमय था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से परिवार को मदद की बहुत बड़ी उम्मीद थी। उन्हें लगा कि उनकी मदद की गुहार का तुरंत ही जवाब मिलेगा।
जायसवाल की बड़ी बहन सोनू अलघ ने कहा,"वह मोदी और योगी के खिलाफ एक शब्द भी नहीं सुन सकता था। अगर कोई उसके सामने उनकी शिकायत करता तो वह उसे मारने की भी धमकी देता था।"
जिस दिन जायसवाल की मृत्यु हुई, उनकी बहन सोनू और उनके पति ने अमित जायसवाल के कार के ऊपर से मोदी के पोस्टर को फाड़ दिया, और कहा कि इस नाइंसाफी के लिए वे प्रधानमंत्री को कभी भी क्षमा नहीं करेंगे।
गुस्साए हुए दंपति ने कहा,"अमित ने पूरी जिंदगी पीएम मोदी के लिए निकाल दी। मोदी ने उसके लिए क्या किया? ऐसे पीएम साहब की हमें क्या जरूरत? हमने पोस्टर फाड़कर निकाल दिया।"
अमित को खोए हुए बस 10 दिन हुए थे कि, सोनू ने अपनी मां को भी खो दिया। सोनू और राजेंद्र ने कहा कि उनकी जिंदगी कुछ हफ्तों में बहुत ज्यादा बदल गई। परिवार ने अस्पताल पर दोष लगाया कि उनसे इलाज के लिए बहुत अधिक रकम ली गई। अमित का इलाज 10 दिन चला और अस्पताल वालों ने 4.75 लाख रुपए ले लिए। उनकी मां का इलाज 20 दिन चला, और अस्पताल वालों ने 11 लाख रुपए ले लिए।
राजेंद्र ने कहा हमने किसी तरह से पैसे का जुगाड़ तो कर लिया, पर एक गरीब परिवार कभी भी इतना जुगाड़ नहीं कर सकता है।
राजेंद्र का भावुक चेहरा कैमरे के सामने बोल रहा था,"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैं आपसे भीख मांगता हूं। मैं समझता हूं कि देश में महामारी है पर आप मुल्क के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। मैं आपसे भीख मांग रहा हूं प्रधानमंत्री मोदी, प्लीज कुछ करिए।"