
सरकार द्वारा देश मे ब्लैक फंगस (Black Fungus) के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा, एम्फोटेरिसिन-बी बनाने के लिए 5 नई कंपनियो को मंजूरी दे दी है। अभी तक इस दवा का देश मे किया जाता था सीमित उत्पादन।
देश में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीज़ों की संख्या तेज़ी से लगातार बढ़ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बयान जारी करके बताया कि, देश में एम्फोटेरिसिन-बी (Amphotericin-B) बनाने के लिए 5 नए कंपनियों को मंजूरी दी गयी है। राजस्थान और तेलंगाना में ब्लैक फंगस (Black Fungus) को महामारी घोषित किया जा चुका है। इसी दौरान ब्लैक फंगस (Black Fungus) के इलाज में इस्तेमाल होने दवाओं की मांग में भी तेजी से बढोतरी हुई है, और ऐसी ही एक दवा एम्फोटेरिसिन-बी (Amphotericin-B) की उपलब्धता पर चिंता जताई जा रही थी।
गौरतलब है कि देश मे इस समय फिलहाल एम्फोटेरिसिन-बी का उत्पादन सीमित स्तर पर किया जा रहा था। ब्लैक फंगस (Black Fungus) के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा यह दवा,भारत में केवल भारत सीरम एंड वैक्सीन, BDR फार्मास्युटिकल्स, सन फार्मा, सिप्ला और लाइफ केअर इन्नोवशन्स द्वारा ही बनाई जा रही थी। इसके अलावा मायलेन लैब्स भी इस एन्टी फंगल दवा का विदेश से आयात कर रही थी।
हालांकि, अब सरकार ने इस दवा के निर्माण के लिए 5 नई कंपनियों को मंजूरी दी है। यह मंज़ूरी एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स, नाटको फार्मास्युटिकल्स, एमक्यूर फार्मास्युटिकल्स, गुफिक बायोसाइंस और लइका को जारी की गई है। यह कंपनियां जुलाई 2021 से एम्फोटेरिसिन-बी के 1,11,000 वायल्स प्रति महीना बनाया करेंगी। इसके अलावा सरकार प्रयास कर रही है कि यह 5 कंपनियां तय वक़्त से पहले, जून 2021 में ही उत्पादन शुरू कर सकें।
स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल (Luv Agarwal) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि, नई कंपनियो को मंज़ूरी देने के साथ-साथ मौजूदा निर्माताओं को भी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने को कहा गया है।