पंजाब और दिल्ली के बाद अब केरल में भी लगा लॉक डाउन, नहीं थम रही कोरोना की रफ्तार।
केरल सरकार ने लागू किया 8 दिन का लॉकडाउन, कोरोना संक्रमण मामलों में बन रहे है रोज नए रिकॉर्ड।
पूरे विश्व में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम ही नहीं ले रही है। कल कोरोना वायरस के चार लाख नए मरीज सामने आए, जिनमें से सिर्फ केरल राज्य से संक्रमण के 41,953 नए मामले दर्ज किए गए – जो पिछले साल के प्रकोप के बाद सबसे अधिक है। पॉजिटिविटी रेट 25.69% तक पहुंच गया है । इस वक़्त अकेले केरल राज्य पर ही 375,658 एक्टिव कोरोना संक्रमित मरीजों का केसलोड है। केरल में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण को देख कर केरल सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है ।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बयान दिया कि,"संक्रमण को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाए जाएंगे। केरल में कोविड-19 के मामलों में प्रतिदिन हो रही वृद्धि के बीच, राज्य सरकार ने जमीनी हालात से निपटने के लिए मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों, और सरकारी अधिकारियों की तैनाती कर कोरोना संक्रमण के खिलाफ उपायों को मजबूत करने का फैसला किया है"।
मुख्यमंत्री पीनाराई विजयन ने यह भी बताया कि यह लॉकडाउन 8 दिन लम्बा होगा जिसकी शुरुआत, शनिवार, 8 मई से होगी।
सिर्फ इतना ही नहीं, केरल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेडों की निरंतर कमी के मामले सामने आ रहे हैं। श्मशान घाटों के बाहर लाशों को जलाने के लिए लोगों को घंटो तक इंतजार करना पड़ रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री को टीके तथा ऑक्सीजन मुहैया करवाने के लिए पत्र भी लिखा है। केरल सरकार का यह भी कहना है, कि बढ़ते संक्रमण की वजह से मानव संसाधनों में भी काफी कमी देखने को मिली है। मरीजों का ध्यान रखते रखते बहुत से स्वास्थ्य कर्मी खुद संक्रमित हो गए हैं। इसके चलते स्थिति और खराब होती नजर आ रही है।
यदि केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए, तो इस समय केरल के पास 272.2 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन का भंडार है और राज्य को प्रतिदिन, 108 मिलियन टन ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है।
केरल सरकार ने, अस्पतालों और बेडों की कमी को देखते हुए राज्य के बड़े होटलों, लॉज और खाली पड़े सरकारी दफ्तरों को भी कोविड स्वास्थ्य केंद्रों में बदल दिया है। सरकार ने विदेशों में बसे राज्य के लोगों से भी मदद मांगी है।