
वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए, Jharkhand सरकार कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए तैयार है. डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने यह अनुमान लगाया है, कि तीसरी लहर बड़े स्तर पर बच्चों को प्रभावित कर सकती है. इससे बचने के लिए, सरकार पीडियाट्रिक इंटेंसिव केअर यूनिट (PICU) में बदलाव के साथ साथ सुधार कर रही है.
झारखंड के मुख्यमंत्री, हेमंत सोरेन ने अगुवाई करते हुए सभी अधिकारियों को इसके लिए कई निर्देश दिए है. उन्होंने अधिकारियों से, जल्द से जल्द सभी अस्पतालों में, बच्चों के अनुकूल ICU बेड लगवाने को कहा है. उन्होंने ये भी कहा है, कि इन सभी केंद्रों की दीवारों पर कार्टून, एनीमेशन के पात्रों को बनाया जाए. जिससे बच्चे सहजता से बीमारी को चुनौती दे सके. उन्होंने आदेश दिया है, कि बच्चों के वार्ड में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों को भी लगाया जाए.
राज्य में सामान्य बच्चों के वार्ड के साथ-साथ, अलग से भी कई वार्ड स्थापित किये जा रहे हैं. इन वार्ड को, कई नई सुविधाओं के साथ तैयार किया जा रहा है. जिनमें इंफैन्ट वेंटिल्टर्स, पीडियाट्रिक्स वेंटिलेटर्स, बबल CPAP, रेडियंट वार्ममर्स, ऑक्सीजन सप्लाई फैसिलिटी जैसी सुविधाएं शामिल है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि, "हमारी सरकार, बच्चों और लोगों के लिए सर्वोत्तम स्वास्थ्य संबंधी ढांचा तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. तीसरे लहर को देखते हुए हम पहले से ज्यादा तैयारी कर रहे हैं. ताकि हम इस नई लहर के विरुद्ध लड़ सकें. Covid-19 की दूसरी लहर हमारे लिए एक सबक है."
इसके कारण ही, हम अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं में कमियों और खामियों को जान पाए हैं. इस बार हम खुद को पहले से तैयार कर रहे है. अधिकारियों को हर चीज पर काम करने और योजना को लागू करने का निर्देश दिया गया है. मैं हर विकास पर नजर रख रहा हूं. हम राज्य भर में ऐसा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. जो झारखंड में पहली बार देखने को मिलेगा."
Jharkhand सरकार, हर जिले में ICU बेड को स्थापित करने में लगी हुई हैं. जमशेदपुर, रांची, कोडरमा, गिरिडीह. जैसे जिलों में PICU सम्बंधित सभी काम हो चुके हैं. राज्य के विभिन्न अस्पतालों और CHC में भी लगतार ICU बेड लगवाए जा रहे हैं. इस पूरी योजना का उद्देश्य यह है, कि ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक निः शुल्क उपचार लाभ मिल सके.