
महिलाओं के पीरियड्स के दौरान वैक्सीन लगवाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं
देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति बहुत भयावह हो चुकी है। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने 1 मई 2021 से टीकाकरण की न्यूनतम आयु 45 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी है। इसके लिए पंजीकरण 28 अप्रैल 2021 से आरम्भ हो जाएगा। ऐसे में कोरोना के टीके से संबंधित भ्रांतियां और अफवाह सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर फैल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में इन भ्रांतियों पर ध्यान न देने की अपील कर चुके हैं। सरकार की सूचना एजेंसी प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो(PIB) भी इन भ्रामक सूचनाओं को फेक करार देते हुए, सही एवं सत्य सूचनाओं का प्रसार कर रही है।
व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के मुताबिक महिलाओं को पीरियड्स के दौरान वैक्सीन नहीं लगाना चाहिए। इस पोस्ट में ये भी दावा किया गया है कि पीरियड्स के दौरान शरीर की रोगों से लड़ने को क्षमता कम हो जाती है। सूचना एजेंसी, प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पी.आई.बी.) के फैक्ट चेक ट्विटर अकाउंट द्वारा इस खबर को झूठ करार दिया गया है।
एक और वायरल पोस्ट में ये भी दावा किया गया है कि पांडिचेरी विश्वविद्यालय के एक छात्र द्वारा खोजी गई घरेलू औषधि कोरोना संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। इस पोस्ट में ये भी कहा गया है कि काली मिर्च, अदरक और शहद से तैयार इस घरेलू औषधि को WHO ने भी मान्यता दे दी है। पीआईबी फैक्ट चेक ने इस खबर को भी फेक करार दिया गया है।
व्हाट्सएप पर वायरल एक पोस्ट में ये दावा किया जा रहा है कि बेंगलुरु के एयर फोर्स कमांड हॉस्पिटल के एयर मार्शल आशुतोष शर्मा के अनुसार स्टीम लेने से संक्रमण से लड़ने में मदद मिलेगी। इस पोस्ट का संज्ञान लेते हुए हॉस्पिटल ने कहा है कि इस केंद्र में एयर मार्शल आशुतोष शर्मा नामक कोई भी व्यक्ति नहीं है। इस केंद्र के अध्यक्ष एयर वाइस मार्शल आशुतोष शर्मा हैं और उन्होंने कोई भी ऐसा बयान नहीं दिया है।
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्लाज्मा दान करने की गाइडलाइन भी जारी की है। इसमें प्लाज्मा दान करने की शर्तें बताई गई है। इसके अनुसार वैक्सीन लगवाने के 28 दिन बाद व्यक्ति प्लाज्मा दान करने योग्य नहीं रहता है।