
भारत में स्कूल पिछले 2 सालों से बंद हैं, जिसकी वजह से बच्चों को घर बैठकर ऑनलाइन कक्षाएं लेनी पड़ रही हैं. स्कूल न खुलने की एक वजह, बच्चों के लिए अब तक Covid-19 का कोई टीका तैयार न होना है. कुछ दिनों पहले, देश के प्रधानमंत्री Narendra Modi ने एक घोषणा की थी. इस घोषणा में यह कहा गया था, कि देश में 15 से 18 वर्ष के युवकों को टीका लगना शुरू हो चुका है. वहीं नव जन्में बच्चों से लेकर 14 वर्ष के बच्चों तक के लिए अब तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है.आज पूरा विश्व जहां Covid-19 महामारी से जूझ रहा है, वहीं भारत में इस खतरनाक वायरस का काफी बुरा प्रभाव देखने को मिला है. वायरस की पहली और दूसरी लहर में लगे लाॅकडाउन के कारण, भारत में स्कूल से लेकर दफ्तर तक, सब बंद हो गया था. वहीं अब जैसे-जैसे Covid-19 का प्रकोप कम होता जा रहा है, वैसे ही देश में दफ्तर और बाज़ार दोबारा खुल रहे हैं. मगर देश में स्कूल अब भी बंद हैं.
इन सबके बीच अब यह ख़बर आ रही है, कि केंद्र सरकार पूरे भारत में स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए जल्द ही एक अधिसुचना जारी कर सकती है. इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री Mansukh Mandaviya ने, राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को सुझाव देने के लिए कहा है, जिससे देश भर में स्कूल दोबारा खोले जा सकें. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उनसे, स्कूल दोबारा खोलने के लिए अपनाए जानें वाले तौर-तरीकों पर काम करने के लिए भी कहा है. भारत में Covid-19 के प्रकोप बढ़ने के बाद से स्कूल सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं.
सूत्रों के हवाले से यह ख़बर भी आ रही है, कि इस बात का निर्णय राज्य सरकारों को लेना होगा, कि वे अपने राज्य में स्कूल खोलने के लिए तैयार हैं या नहीं. ऐसा कहा जा रहा है, कि केंद्र सरकार स्कूलों को और ज़्यादा सावधानी व Covid-19 के दिशानिर्देशों के सख्त पालन के साथ खोलना चाहती है.
सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ के सदस्यों को स्कूल में सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी. इसके साथ ही, हर समय मास्क पहनना भी सभी के लिए अनिवार्य होगा. वहीं आवश्यकता पड़ने पर, सेनिटाइज़र का उपयोग करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
देश की मौजूदा Covid-19 स्थिति को देखते हुए अब देखना यह है, कि अगर केंद्र सरकार स्कूलों को दोबारा खोलने की अधिसूचना जारी करती है, तो इस पर बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों की क्या प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी.