
पुलिस अधिकारी ने कहा कि कर्तव्य से नहीं कर सकता हूं समझौता। इस कठिन वक्त में भी लौटे देश की सेवा में।
अपने बहनोई को खोने के तुरंत बाद भी ड्यूटी पर लौटे दिल्ली पुलिस अधिकारी। दरअसल पुलिस अधिकारी के बहनोई कोरोना से संक्रमित थे।। यह संक्रमण उनकी मौत का कारण बना, मगर पुलिस अधिकारी अपने व्यक्तिगत दुख को मन में दबाए वापस से लोगों के लिए कोवीड ड्यूटी पर लौट आए।
परिवार के एक सदस्य को खोने के कुछ घंटो बाद ही, लक्ष्य पांडे, शनिवार को देश की राजधानी को इस आपदा से लड़ने में मदद करने के लिए वापस से काम पर हाजिर हो गए। वे दक्षिण दिल्ली के छतरपुर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास इलाके में कोविड व्यवस्था की देखभाल के प्रभारी हैं। संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को देखकर बहुत सारे कार्यों में अत्याधिक तेजी लाने की आवश्यकता है। ऐसे तमाम मुद्दों पर उन्होंने अपनी टीम का सर्वेक्षण और नेतृत्व किया।
पांडे, 2018 बैच के DANIPS अधिकारी हैं, वर्तमान में महरौली सब-डिवीजन ACP के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने बहनोई के विषय में कहा,"मेरा बहनोई होटल उद्योग में था और पिछले महीने दुबई से भारत आया था। सब कुछ ठीक था, लेकिन अचानक उसे बेचैनी की शिकायत होने लगी। हमने आरटी-पीसीआर परीक्षण किया, लेकिन परिणाम नकारात्मक आया। सांस लेने की गंभीर समस्या थी जिसके बाद हमने उसे जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया।"
लक्ष्य पांडे के बहनोई को कोविड-19 के सारे लक्षण थे। इलाज के दौरान परिजनों को डॉक्टरों द्वारा यह कहा भी गया था कि वे प्लाज्मा का इंतजाम करें। इसके साथ ही उन्हें रेमेडिसविर की व्यवस्था करने को भी कहा गया था। हालात बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को देर रात उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ। परिवार वालों को लगभग रात के 2:30 बजे उनके मृत्यु की सूचना मिली। अधिकारी ने बताया कि वह रात में वहां सारी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए पहुंचे और सुबह शनिवार को उन्हें शव मिला।
अस्पताल से जब शव मिला तो अंतिम क्रिया के लिए परिवार के लोग शव को गाजियाबाद ले गए। लक्ष्य पांडे ने अपने क्षेत्र में गश्त के लिए जाते समय कहा,"हमने अपने नंबर का इंतजार किया, लेकिन मुझे अपने कार्यालय से राधा स्वामी सत्संग ब्यास इलाके में कोविड देखभाल सुविधा की तैयारी और हमारे क्षेत्र में कर्फ्यू लागू करने के अपडेट के बारे में भी फोन कॉल आ रहे थे। इसलिए, मैंने अपने परिवार को छोड़ दिया और कार्यालय चला गया। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए कठिन समय था, लेकिन मैं अपने कर्तव्य के साथ समझौता नहीं कर सकता।"