
Covid-19 महामारी ने सभी लोगों को त्रस्त कर दिया है. एक के बाद दूसरे, और दूसरे के बाद तीसरे लहर ने सरकार को चिंतित कर दिया है. SBI ने कोरोना को देखते हुए एक रिसर्च किया था, जिसका नाम था, द रेस टू फिशिंग लाइन. SBI द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत सितंबर 2021 तक कोरोना के तीसरे लहर को देख सकता है. इस समय कोरोना का तीसरा लहर पीक पर पाया जाएगा. इस शोध रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोरोना के तीसरे लहर की शुरुआत अगस्त 2021 से देखी जाएगी.
रिपोर्ट में बताया गया है कि "अभी तक दर्ज हुए आंकड़ों के हिसाब से भारत में जुलाई के दूसरे सप्ताह के आसपास लगभग 10,000 कोरोना मामले दर्ज होने की उम्मीद है. हालांकि, यह अगस्त के दूसरे सप्ताह से बढ़ता हुआ दिखेगा.
रिपोर्ट में साफ तौर पर बताया गया है, Covid-19 के दूसरे लहर के मुताबिक तीसरी लहर में कोरोना के मामले 1.7 गुना पाए जाएंगे. हालांकि, पिछले हालातों के आधार पर कम से कम एक महीने बाद के मामले पीक पर पाए जाएंगे जोकि अगस्त 2021 के दुसरे सप्ताह से पाया जाएगा.
भारत ने इसके लिए पहले से तैयारी शुरू कर दी है. प्रति दिन 40 लाख से अधिक टीकाकरण देना शुरू कर दिया गया है. कुल मिलाकर, भारत ने अपनी आबादी के 4.6 फीसदी को पूरी तरह से वैक्सीन लगा दिया है. इसके अलावा 20.8 फीसदी को वैक्सीन की एक खुराक मिली है. भारत अभी भी टीकाकरण के मामले में अमेरिका, ब्रिटेन, इज़राइल, स्पेन, फ्रांस सहित अन्य देशों की तुलना में काफी पीछे है.
डेल्टा प्लस वैरिएंट सबसे पहले भारत में ही पाया गया है. इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन काफी चिंतित है. WHO के मुख्य टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने बताया है कि दुनिया Covid-19 महामारी के बेहद 'खतरनाक दौर' से गुज़र रही है. कोरोना के डेल्टा जैसे वेरिएंट ज्यादा संक्रामक हैं और वक्त के साथ-साथ लगातार बदल भी रहे हैं. यह वैरिएंट दुनिया के लगभग 100 देशों में फैल चुका है. डेल्टा वेरिएंट आने वाले दिनों में सबसे तेजी से फैलेगा और अधिक संक्रमण फैलाएगा.
देखना ये होगा कि डेल्टा प्लस जैसे खतरनाक कोरोना वैरिएंट से भारत किस प्रकार लड़ेगा और सरकार की इससे निजात पाने की क्या क्या योजनाएं होंगी.
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