
दुनियाभर की सरकारों ने चीन से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगाने या इस पर विचार करने का फैसला किया है. दरअसल 'जीरो-सीओवीआईडी' नियमों में ढील के बाद देश में कोविड-19 (Covid-19) के मामलों में बढ़त देखी जा रही. वहीं, देशों ने संक्रमण के नये वैरिएंट पर चीन से जानकारी की कमी का हवाला दिया है और संक्रमण की लहर के बारे में चिंता जताई.
1. भारत
भारत ने फिलहाल चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड की नकारात्मक यानी नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है. इतना ही नहीं, उन देशों के यात्रियों में लक्षण दिखने या टेस्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें क्वारंटाइन भी किया जाएगा.
2. जापान
चीन से यात्रियों के आगमन पर जापान को एक नकारात्मक कोविड परीक्षण की आवश्यकता होगी और पॉजिटिव पाए जाने वालों को 7 दिनों के लिए क्वारंटीन करना होगा. जापान के साथ ही दक्षिण कोरिया भी चीन से आने वाले यात्रियों से कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की मांग कर रहा है.
3. कतर
इस देश में 3 जनवरी से चीन से आने वाले यात्रियों को प्रस्थान के 48 घंटों के भीतर ली गई एक नकारात्मक कोविड-19 परीक्षा परिणाम प्रदान करने की आवश्यकता होगी. कतर के अलावा, मोरक्को ने 'संदूषण की एक नई लहर' और 'उसके सभी परिणामों' से बचने की आवश्यकता का हवाला देते हुए 3 जनवरी से चीन से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है, फिर चाहें उनकी राष्ट्रीयता जो भी हो.
4. ताइवान
ताइवान के सेंट्रल एपिडेमिक कमांड सेंटर ने कहा, कि चीन से सीधी उड़ानों के साथ-साथ दो अपतटीय द्वीपों पर नाव से आने वाले सभी यात्रियों को भी 1 जनवरी से आगमन पर पीसीआर परीक्षण कराना होगा. वहीं, स्पेन का कहना है कि उसे चीन से आने वाले यात्रियों के देश में आने पर एक नकारात्मक कोविड-19 परीक्षण या बीमारी के खिलाफ टीकाकरण के पूर्ण पाठ्यक्रम की आवश्यकता होगी.
इन दशों के अलावा, मलेशिया चीन से आने वाले लोगों का परीक्षण करेगा तो वहीं चीन से कनाडा जाने वाले हवाई यात्रियों को प्रस्थान से 2 दिन पहले कोविड-19 के लिए नकारात्मक परीक्षण कराना होगा. इसके अलावा, इटली ने एंटीजन स्वैब और वायरस सीक्वेंसिंग का आदेश दिया है और फ्रांस 1 जनवरी से चीन से आने वाले यात्रियों का पीसीआर परीक्षण कर रहा है. इनके अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम ने भी चीन से आने वाले यात्रियों के मद्देनज़र सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने जानकारी की कमी के एहतियाती उपायों को 'समझने योग्य' कहा है और बीजिंग से आनुवांशिक अनुक्रमण पर अधिक डेटा साझा करने के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती होने, मृत्यु और टीकाकरण के आंकड़े साझा करने का आग्रह किया है.
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